देश की सांस्कृतिक विरासत में गहरी रूचि रखने वाले लोगों के लिए नई दिल्ली के इंडिया इंटरनैशनल सेंटर गैलेक्सी में चल रही प्रदर्शनी लोगों के दिलो-दिमाग पर ख़ूब असर कर रही है और तमाम लोगों को ख़ूब पसंद आ रही है.
द तुली रिसर्च सेंटर फॉर इंडिया स्टडीज़ की ओर से प्रदर्शित की गई ‘सेल्फ़ डिस्कवरी वाया रीडिस्कवरिंग इंडिया’ नामक यह प्रदर्शनी भारतीय सिनेमा और सांस्कृतिक विरासत की समृद्ध परंपराओं की अद्भुत झलक पेश करती है. प्रदर्शनी को क्यूरेट और प्रस्तुत करने वाले नेविल तुली ने इस मौके पर कहा, “इस अनोखी प्रदर्शनी भारत के 200 सालों की कला और संस्कृति के अंतर-संबंधों का अक्स देखने को मिलता है. इनमें से तकरीबन 120 सालों का तो भारतीय सिनेमा का गौरवशाली इतिहास ही रहा हैं।”
उल्लेखनीय है कि यह प्रदर्शनी नेविल तुली द्वारा पिछले 30 सालों में आरकाइव की गईं और बड़े जतन से सहेजी गईं विश्व की सिनेमाई धरोहर की एक छोटी से झलक मात्र ही पेश करती है। इस प्रदर्शनी में दिग्गजी कलाकारों के बीच की केमिस्ट्री को दर्शाने वाली बेहद आकर्षक तस्वीरें, जुबिली ट्रॉफ़ियां और तमाम तरह के वास्तुशिल्पों को प्रदर्शित किया गया है. इस प्रदर्शनी का सबसे बड़ा आकर्षण है निर्देशकों और कलाकारों के रिश्तों को रेखांकित करने वाली खंड. राज कपूर और नरगिस, प्रकाश मेहरा, मनमोहन देसाई व यश चोपड़ा जैसे महान निर्देशकों के साथ अमिताभ बच्चन के रिश्तों के अलावा धर्मेंद्र और हेमा मालिनी के बीच के रिश्तों को भी बड़े ही कलात्मक ढंग से इस प्रदर्शनी में पेश किया गया है।
इस प्रदर्शनी से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली साझेदारियां भी आकर्षण का केंद्र में आ गई हैं, जैसे कि टॉड ब्राउनिंग और लॉन चानेय, फ़्रिट्ज़ लैंग और थिया वोन हारबाऊ, जोसेफ़ वॉन स्टर्नबर्ग और मार्लिन डियाट्रिच, मार्टिन स्कॉर्सिस और रॉबर्ट डे निरो, अकीरा कुरोसावा और तोशिरो मिफ़्यून के बीच हुई पार्टनरशिप. रिसर्च सेंटर के वेबसाइट के लॉन्च होते ही इन कलेक्शन्स को विस्तार से लोगों के सामने पेश किया जाएगा. यह प्रदर्शनी इंडिया इंटरनैशनल सेंटर गैलक्सी में 30 मार्च, 2024 तक जारी रहेगी।