मुंबई (अनिल बेदाग) : महाराष्ट्र के कोल्हापूर जिल्हे वारणानगर में रहनेवाली 60 वर्षीय किसान महिलापर मुंबई में रोबोटिक तकनीकद्वारा ब्रेस्ट एक्सिलो इनसफ्लेशन थायरॉयडेक्टॉमी सर्जरी की गई है। परेल स्थित ग्लेनईगल्स अस्पताल में इस महिला का इलाज किया गया है। रोबोटिक के सहायता से पहली बार यह थायराइड सर्जरी की गई है।
कोंकण के सिंधुदुर्ग जिले की 60 वर्षीय किसान महिला गोकुला पाटिल मुंबई में अपने बेटे से मिलने आई थी। इस महिला के गर्दन के बाई और सूजन थी। चार साल पहले उन्हे सौम्य थायराइड का निदान हुआ था। लेकिन पिछले कुछ सालों में सूजन का आकार बढ़ता गया। सोनोग्राफी और सीटी स्कैन का उपयोग करके आगे के मूल्यांकन पर उनके बाएं थायरॉयड ग्रंथि पर कई गांठें पाई गईं, जबकि दाईं ओर एक छोटी गांठ थी। बायोप्सी ने इन गांठों की सौम्य प्रकृति की पुष्टि की। आगे की वैद्यकीय जांच के लिए महिला को एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. स्नेहा कोठारी के पास भेजा गया। वैद्यकीय जांच अहवाल में गाठ बड़ी होने के कारण थायरॉयडेक्टॉमी करने की सलाह डॉक्टर ने दी थी।
इस सर्जरी के बाद अब महिला की सेहत में सुधार हुआ है। ग्लेनईगल्स अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट रोबोटिक और लेप्रोस्कोपिरक सर्जन डॉ जिग्नेश गांधी ने कहा कि महिला पर रोबोटिक तकनीक द्वारा थायरॉईड सर्जरी की गई है। यह तकनीक पारंपारिक तरीकों के तुलना में काफी फायदेमंद है। रोबोटिक सर्जरी में छोटे चीरे लगते हैं और मरीज की सेहत में जल्दी सुधार होता है। सर्जरी के बाद दर्द भी काफी कम होता है।
महिला गोकुला पाटील ने कहा, “मुझे नई जिंदगी देने के लिए मैं डॉ. जिग्नेश गांधी और उनकी टीम का आभार व्यक्त करती हूं। कई सालों के बाद मुझे थायरॉईड समस्या से मुक्ती मिली है। सर्जरी के बाद अब मैंने अपनी दैनिक गतिविधियां फिर से शुरू कर दी हैं।”
ग्लेनईगल्स अस्पताल के सीओओ डॉ. विवेक तलौलीकर ने कहा कि अस्पताल में हम मरीजों को नवीनतम तकनीकी औऱ अत्याधुनिक वैद्यकीय सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रोबोटिक तकनीक के माध्यम से की गई सर्जरी मरीज को जल्दी ठीक करने में मदद करती है। हमारा लक्ष्य स्वास्थ्य सेवा में नए मानक स्थापित करना और यह सुनिश्चित करना है कि हमारे मरीजों को सर्वोत्तम सेवा उपलब्ध कराना है।”