कैटरीना कैफ ने एक नौसिखिया के रूप में बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की थी। यह वो दौर था जब वह हिंदी और कथक सीख रही थीं और कैसे प्रियंका चोपड़ा ने अपने प्रशिक्षण वर्ग में प्रतिभाशाली और प्रसिद्ध बनकर उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया था।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग क्लास में प्रियंका चोपड़ा और लारा दत्ता उनकी सीनियर थीं और प्रियंका उस क्लास की ‘स्टार’ थीं। कैटरीना उस समय हिंदी और कथक सीखने में मेहनत कर रही थीं और सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक बिना एसी वाले एक छोटे से कमरे में ट्रेनिंग लेती थीं।
उन्होंने 2009 में जॉन अब्राहम अभिनीत फिल्म ‘न्यूयॉर्क’ में कबीर खान के साथ काम करने के बारे में भी बात की और बताया कि कैसे सलमान खान ने उन्हें फिल्म में अभिनय करने के लिए मनाया। कैटरीना ने बताया कि वह फिल्म करने से खुश नहीं थीं, लेकिन सलमान ने उनसे वादा किया था कि वह एक महान निर्देशक के साथ काम करेंगे। कैटरीना सोच रही थीं कि कबीर ने उन्हें एक छोटी सी फिल्म ऑफर की है जिसमें कोई नाच-गाना नहीं बल्कि शुद्ध कलात्मक कथानक है। उन्हें उम्मीद थी कि कबीर खान एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता की तरह होंगे। उनसे कमर्शियल हिट फिल्म ‘बचना ऐ हसीनों’ छीनने के बाद ऐसा लग रहा था कि वह इसकी भरपाई एक कलात्मक फिल्म ‘न्यूयॉर्क’ से कर रहे हैं, इसलिए कैटरीना इसे आगे बढ़ाने के लिए तैयार नहीं थीं और काफी नाराज भी थीं।
कैटरीना ने बताया कि कबीर चाहते थे कि सलमान उस फिल्म में हों, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कबीर से मिलने के बाद सलमान खुश हुए और कैटरीना से वादा किया कि ‘न्यूयॉर्क’ एक अविश्वसनीय फिल्म होगी और कबीर एक महान फिल्म निर्माता होंगे। इससे कैटरीना को फिल्म के लिए हां कहना पड़ा। सेट में प्रवेश करते समय उन्हें उम्मीद थी कि यह एक बहुत ही विचित्र प्रस्तुति होगी। लेकिन जब फिल्म का शेड्यूल न्यूयॉर्क में पूरा हुआ तो यह गलत हो गया। उन्होंने इसे अपनी पूरी यात्रा का सबसे अविश्वसनीय अनुभव बताया। ‘जब जाने की बात आई तो हम रो रहे थे; हममें से कोई भी छोड़ना नहीं चाहता था। जीवन में मेरे सबसे करीबी दोस्त वही हैं जो मैंने उस फिल्म में बनाए थे। कबीर के साथ काम करने का अनुभव मेरे लिए आंखें खोलने वाला था। उन्होंने मुझे अपनी आवाज ढूंढने का आत्मविश्वास दिया।